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JAVA Revise Before Interview

1) 12 Most Frequently Occurring Exceptions In Java With Examples https://javaconceptoftheday.com/frequently-occurring-exceptions-in-java-with-examples/ 2) Strings:  https://javaconceptoftheday.com/introduction-strings/ https://javaconceptoftheday.com/java-interview-programs-on-strings/ 3)  Why Collection Framework? https://javaconceptoftheday.com/collection-framework-class-hierarchy/ 4) OOPS Concept https://www.geeksforgeeks.org/association-composition-aggregation-java/ https://javaconceptoftheday.com/method-overloading-in-java/

Data Provider: AUTOMATION TESTING FACTS

================================================= Data Provide TestNG: Parameters from Testng.xml can be suite or test level Parameter from DataProvider can take Method and ITestContext as the parameter. ============================================================= Test Level TestNG.xml <?xml version="1.0" encoding="UTF-8"?> <!DOCTYPE suite SYSTEM "http://testng.org/testng-1.0.dtd"> <suite name="TestSuite" thread-count="3" > <parameter name="author" value="Guru99" /> <parameter name="searchKey" value="India" /> <test name="testGuru"> <parameter name="searchKey" value="UK" /> <classes> <class name="parameters.ParameterWithTestNGXML"> </class> </classes> </test> </suite> ================================== Data provider returns a two-dimensional JAV...

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समुपस्थित समादरणीय सन्तवृन्द, विद्वद्वृन्द, भक्तवृन्द एवं भक्तीमती माताओं, आप महानुभावों ने अद्भुत अपनत्व, आस्था, उत्साह और आह्लादपूर्वक इस संगोष्ठी का समायोजन किया है श्रीविनयजी टुल्लू जी आदि जिन महानुभावों का इस संगोष्ठी के समायोजन और संचालन में गुप्त अथवा प्रकटयोगदान है,  भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर की अनुकम्पा के अमोघप्रभाव से उनका सर्वविध उत्कर्ष हो,ऐसी भावना है। यह जो संस्थान है, विश्व के लिए मार्गदर्शक और वरदानस्वरुप सिद्ध हो ऐसी भावना है। सज्जनों ! वेद सम्पूर्ण विश्व में सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं। यह सर्वसम्मत सिद्धान्त है। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भी ऋग्वेदादि का महत्व स्वीकार किया है। इस रॉकेट, कम्प्यूटर, एटम और मोबाईल के युग में भी वेदों की उपयोगिता यथावत् चरितार्थ है। समग्र ज्ञान-विज्ञान का स्रोत ऋगादि वेद हैं। वेदों की व्याख्या उसके रस-रहस्य का स्वरुप महाभारत में अंकित किया गया है। भगवान श्रीकृश्णद्वैपायन वेदव्यास, जोकि महाभारत के रचयिता हैं, उन्होंने डंके की चोंट से यह तथ्य ख्यापित किया कि जो कुछ महाभारत में है, इसके प्रचार-प्रसार के कारण अन्यत्र भी हो सकता है, ...